राहुल द्रविड़ का यह समर्पण वाकई प्रेरणादायक है। उनकी परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, उनका क्रिकेट के प्रति प्रेम और उसके विकास में योगदान अतुलनीय है। व्हीलचेयर पर होते हुए भी, अपनी टीम को समर्थन और मार्गदर्शन देना, न केवल एक कोच की, बल्कि एक सच्चे मेंटर की पहचान है। द्रविड़ का यह जज़्बा कई लोगों को प्रेरित करता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी अपने जुनून को जिंदा रखा जा सकता है। भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान वास्तव में अमूल्य है। उनकी इस प्रतिबद्धता को देखकर आपको कौन-सी बातें प्रेरित करती हैं?