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पौष पुत्रदा एकादशी 2025: आज का दिन और व्रत का महत्व
व्रत-त्योहार 15 3 months ago

पौष पुत्रदा एकादशी का दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह एकादशी संतान प्राप्ति और परिवार के कल्याण के लिए विशेष महत्व रखती है। व्रत करने वाले भक्तों को जीवन में सुख-समृद्धि और दैवीय कृपा का आशीर्वाद मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है।

पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि की शुरुआत: 9 जनवरी 2025, दोपहर 12:22
एकादशी तिथि का समापन: 10 जनवरी 2025, सुबह 10:19
पारण का समय: 11 जनवरी 2025, सुबह 7:15 से 8:51
पूजन विधि (Pujan Vidhi)
स्नान एवं संकल्प:
प्रातःकाल स्नान करके साफ कपड़े पहनें। व्रत का संकल्प लें और पूजा स्थल को शुद्ध करें।

भगवान विष्णु की पूजा:

भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं।
शंख में जल भरकर अभिषेक करें।
चंदन, फूल, चावल, इत्र आदि अर्पित करें।
भगवान विष्णु को पीले वस्त्र और मौसमी फलों का भोग लगाएं।
खीर का भोग:
तुलसी के पत्तों के साथ गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं।

आरती और कथा:
पुत्रदा एकादशी की कथा पढ़ें और भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करें।

अगले दिन पारण:
ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।

विशेष उपाय
भगवान विष्णु की कृपा के लिए:
भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख में दूध से अभिषेक करें और पीले फूल अर्पित करें।

संतान प्राप्ति के लिए:
मंदिर में चावल या गेहूं का दान करें।

बीमारियों से मुक्ति के लिए:
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।

पुत्रदा एकादशी का महत्व
यह व्रत विशेष रूप से स्त्रियों के बीच प्रचलित है। माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान प्राप्ति और उनकी सुरक्षा होती है। भगवान विष्णु की कृपा से व्रती का जीवन सुखी और समृद्ध बनता है।

आप भी पुत्रदा एकादशी पर व्रत और पूजा विधि का पालन करके भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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