प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण Z-Morh टनल का उद्घाटन करेंगे। यह टनल सोनमर्ग और गगनगीर को जोड़ती है और 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसका उद्देश्य लद्दाख को पूरे साल सड़क मार्ग से जोड़ने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है।
टनल की विशेषताएं
ऊंचाई: 8,650 फीट
आपातकालीन मार्ग: 7.5 मीटर चौड़ा समानांतर मार्ग
लंबाई: यात्रा की दूरी को 49 किमी से घटाकर 43 किमी कर देगी
वाहनों की गति: 30 किमी/घंटा से 70 किमी/घंटा तक बढ़ेगी
टनल के फायदे
परिवहन में सुधार:
यह टनल सोनमर्ग और गगनगीर के बीच निर्बाध यातायात सुनिश्चित करेगी। यात्रा समय और दूरी दोनों में कटौती होगी।
सुरक्षा में योगदान:
लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के बीच पूरे साल संपर्क बनाए रखने से देश की रक्षा जरूरतों को पूरा करना आसान होगा।
पर्यटन और व्यापार:
टनल के खुलने से सोनमर्ग पूरे साल पर्यटन के लिए उपलब्ध रहेगा। यह क्षेत्र को एक प्रमुख स्की रिसॉर्ट के रूप में विकसित करेगा और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देगा।
आर्थिक विकास:
राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर यात्रा को सुगम बनाने के साथ-साथ यह परियोजना क्षेत्रीय सामाजिक और आर्थिक विकास को गति देगी।
टनल का रणनीतिक महत्व
Z-Morh टनल का निर्माण नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) द्वारा किया गया है। इसे “इंजीनियरिंग का चमत्कार” और “गेम चेंजर” कहा जा रहा है। यह टनल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बीच यातायात और रक्षा रसद के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इसके साथ-साथ ज़ोजिला टनल का निर्माण 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है।
सोनमर्ग को मिलेगा नया रूप
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस टनल को क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि सोनमर्ग अब सर्दियों में भी पर्यटन का केंद्र बनेगा और इसे एक बेहतरीन स्की रिसॉर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। स्थानीय निवासियों को सर्दियों में पलायन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
टनल क्षेत्र में सुरक्षा इंतजाम
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एसपीजी टीम ने जिम्मेदारी संभाल ली है और संवेदनशील स्थानों पर शार्पशूटर्स तैनात किए गए हैं। साथ ही ड्रोन और तकनीकी निगरानी के जरिए क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है।
निष्कर्ष:
Z-Morh टनल केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए एक नई शुरुआत है। यह परियोजना न केवल परिवहन और सुरक्षा को मजबूती देगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगी।