मध्य प्रदेश के दमोह जिले से सामने आई एक सनसनीखेज और रोंगटे खड़े कर देने वाली खबर ने स्वास्थ्य व्यवस्था की नींव को झकझोर कर रख दिया है। दमोह के मिशन अस्पताल में कार्यरत एक कथित “कार्डियोलॉजिस्ट” डॉक्टर ने पिछले कुछ महीनों में 15 मरीजों की एंजियोग्राफी और एनजियोप्लास्टी जैसी जटिल सर्जरी की, जिनमें से कम से कम 7 मरीजों की मौत हो गई। अब पुलिस जांच और प्रशासनिक रिपोर्टों से खुलासा हुआ है कि यह डॉक्टर फर्जी डिग्रियों और जाली दस्तावेजों के बलबूते पर कई वर्षों से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा था। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि उसका नाम साल 2006 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की मौत से भी जुड़ा था। मिशन अस्पताल में पदस्थापित रहे कथित तौर पर लंदन रिटर्न डॉक्टर नरेंद्र यादव को पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया है.