मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक चोर की शातिराना हरकतें आखिरकार पुलिस की अनोखी तरकीब से धरी रह गईं। पुलिस ने इस बार अपराधियों को पकड़ने के लिए एक बेहद दिलचस्प तरीका अपनाया। चोरी करने वाले की पहचान के लिए ‘गुमशुदा’ का पोस्टर बनाया गया और इसे शहरभर में चस्पा कर दिया गया। साथ ही, सूचना देने वाले को 10,000 रुपये इनाम देने की घोषणा की गई।
कैसे हुआ चोरी का खुलासा?
मामला जबलपुर के लॉर्डगंज थाना क्षेत्र का है, जहां 2 जनवरी की रात एक चोर ने आशीष कंप्यूटर सर्विस सेंटर का ताला तोड़कर 2 लाख रुपये उड़ा लिए। घटना के बाद पुलिस के हाथ सीसीटीवी फुटेज लगी, जिसमें चोर की तस्वीरें कैद थीं। इन तस्वीरों का इस्तेमाल कर ‘गुमशुदा’ के पोस्टर बनाए गए।
चोर ने खुद की पोल खोली
चोर को शायद अंदाजा नहीं था कि वह खुद ही इस चाल में फंस जाएगा। जागरूक नागरिकों में से एक ने पोस्टर पर दिए गए नंबर पर कॉल कर जानकारी दी कि ‘गुमशुदा’ शख्स कहां देखा गया है। जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि यह वही चोर था जिसने कंप्यूटर सेंटर में चोरी की थी।
पुलिस की नई रणनीति ने दिखाया असर
यह घटना पुलिस की सूझबूझ और नई तकनीकों के इस्तेमाल का बेहतरीन उदाहरण है। पुराने मुखबिर तंत्र की कमी को पुलिस ने क्रिएटिव तरीकों से पूरा किया। ‘गुमशुदा’ पोस्टर वाली रणनीति से पुलिस न केवल चोर को पकड़ने में कामयाब रही, बल्कि यह तरीका चर्चा का विषय भी बन गया है।
मुखबिर तंत्र पर सवाल
यह घटना यह भी दिखाती है कि पुराने जमाने में पुलिस का मुखबिर तंत्र कितना मजबूत था। अब इस तंत्र की कमजोर होती स्थिति ने पुलिस को नई तकनीकों और रचनात्मक उपायों की ओर मोड़ दिया है।
सबक और चर्चा
इस चोरी की घटना के बाद जिस तरह से चोर पकड़ा गया, उसने यह साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, पुलिस की रणनीति और नई तकनीक के आगे उसकी एक न चलती। यह घटना पुलिस के इनोवेशन की मिसाल बन गई है।