रायपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार शाम को वंदे भारत ट्रेन से रायपुर पहुंचे। वह 27 से 31 दिसंबर तक छत्तीसगढ़ की राजधानी में रहकर RSS कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ पदाधिकारियों से संगठनात्मक मामलों पर चर्चा करेंगे। यह दौरा RSS की शताब्दी वर्ष की तैयारी के तहत है, जिसे 2025 में मनाया जाएगा।
संगठनात्मक बैठकें
RSS के पदाधिकारियों ने बताया कि मोहन भागवत का यह दौरा संगठन को मजबूती देने के लिए है। इस दौरान वह अलग-अलग सत्रों में कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ संगठन के मामलों पर चर्चा करेंगे। मोहन भागवत पिछले कुछ समय से देशभर के विभिन्न प्रांतों का दौरा कर रहे हैं, जिसमें वह RSS के कामकाज और आने वाली चुनौतियों पर ध्यान दे रहे हैं।
इतिहास पर बयान
इससे पहले, मोहन भागवत ने गुरुवार को एक बयान दिया जिसमें उन्होंने ब्रिटिश शासकों के भारत के इतिहास को विकृत करने की बात की थी। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने यह संदेश फैलाने के लिए भारत के इतिहास को बदल दिया कि भारतीय खुद पर शासन करने के लिए अयोग्य थे। उन्होंने कहा, “1857 में अंग्रेजों को यह एहसास हुआ कि भारतीयों में असंख्य जातियों, संप्रदायों और भाषाओं के बावजूद वे एकजुट रहेंगे, जब तक वे विदेशी आक्रमणकारियों को बाहर नहीं निकाल देते।”
ब्रिटिश शासन और झूठ
भागवत ने यह भी कहा कि ब्रिटिश शासकों ने कई झूठ फैलाए थे, जैसे कि भारतीयों के बारे में यह धारणा कि वे अपने इतिहास और गौरव से दूर हो गए थे। उन्होंने यह आरोप लगाया कि अंग्रेजों ने भारतीयों के मन से उनके गौरवपूर्ण इतिहास को मिटाने के लिए झूठ फैलाए, जिसमें यह भी शामिल था कि आर्य भारतीयों पर आक्रमण करने वाले थे और भारत पर बाहर से आक्रमण हुआ था।
समापन
मोहन भागवत के इस दौरे को लेकर कई प्रतिक्रियाएं आई हैं, और उनका यह संगठनात्मक दौरा RSS के भविष्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।