दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला लाखों उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर लेकर आया है. अब ग्राहक सिर्फ उसी सेवा के लिए भुगतान करेंगे, जिसके लिए उन्होंने सहमति दी हो. रेस्तरां मालिक अब बिल के साथ अनिवार्य रूप से सेवा शुल्क नहीं जोड़ सकेंगे और ग्राहकों को उनकी मर्जी से टिप देने या न देने का पूरा अधिकार होगा.