उत्तर प्रदेश में अब परिवार की सहमति के बिना गुपचुप तरीके से विवाह कर उसका पंजीकरण कराना आसान नहीं रहेगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में आईजी निबंधन ने विवाह पंजीकरण को लेकर नए अंतरिम दिशा-निर्देश जारी किए हैं. अब विवाह पंजीकरण केवल उसी जिले में किया जाएगा जहां वर-वधु या उनके माता-पिता निवास करते हों. इसके साथ ही विवाह के साक्ष्य के रूप में सिर्फ फोटो या कार्ड काफी नहीं होगा, विवाह कराने वाले पंडित या पुरोहित की गवाही और शपथ पत्र अनिवार्य होगी.