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पंजाब में AAP की बड़ी जीत: जतिंदर सिंह भाटिया बने अमृतसर के मेयर
पंजाब 8 3 months ago

पंजाब के अमृतसर में आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक और बड़ी जीत दर्ज करते हुए नगर निगम के मेयर चुनाव में परचम लहराया। सोमवार को हुए चुनाव परिणाम में AAP नेता जतिंदर सिंह भाटिया को अमृतसर का नया महापौर चुना गया। साथ ही, प्रियंका शर्मा को वरिष्ठ उप महापौर और अनीता रानी को उप महापौर बनाया गया। इस जीत के साथ, AAP ने पंजाब के बड़े शहरों पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है।

अमृतसर में मेयर चुनाव: AAP का परचम
85 वार्डों वाले अमृतसर नगर निगम में मेयर बनने के लिए 46 पार्षदों के बहुमत की आवश्यकता थी। हालांकि कांग्रेस ने चुनाव में 40 पार्षदों के साथ सबसे अधिक सीटें जीती थीं, लेकिन आम आदमी पार्टी ने रणनीतिक तरीके से समर्थन जुटाते हुए मेयर पद पर कब्जा कर लिया।

कांग्रेस के आरोप
इस जीत के बाद कांग्रेस ने AAP पर गंभीर आरोप लगाए। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा,
“हमारे पार्षदों को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने से रोकने के लिए पुलिस बल का दुरुपयोग किया गया। पुलिस आयुक्त और पूरे पुलिस बल को तैनात करना लोकतंत्र के खिलाफ था।”
कांग्रेस ने AAP पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया, जिससे चुनाव निष्पक्ष नहीं रह सका।

AAP का उत्साह
AAP की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने इस जीत को ऐतिहासिक बताते हुए कहा,
“पार्टी को अमृतसर की पवित्र धरती पर सेवा करने का अवसर मिला है। यह जीत जनता के विश्वास और मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व का परिणाम है।”

लुधियाना और जालंधर में भी AAP का दबदबा
यह पहली बार नहीं है जब AAP ने पंजाब में नगर निगम चुनावों में जीत हासिल की हो। इससे पहले लुधियाना और जालंधर में भी AAP ने मेयर पद अपने नाम किया था। अमृतसर में इस जीत के साथ, AAP ने स्पष्ट कर दिया है कि वह राज्य में नगर निकाय स्तर पर भी मजबूत पकड़ बना रही है।

पंजाब में AAP का बढ़ता प्रभाव
पंजाब में AAP सरकार बनने के बाद से पार्टी लगातार अपनी जड़ें मजबूत कर रही है। चाहे वह विधानसभा चुनाव हो या नगर निगम के चुनाव, पार्टी ने हर स्तर पर खुद को एक मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित किया है। अमृतसर मेयर चुनाव की जीत न केवल AAP की ताकत को दर्शाती है, बल्कि पार्टी के लिए 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को भी मजबूती देती है।

निष्कर्ष
अमृतसर में AAP की जीत केवल एक नगर निगम चुनाव की जीत नहीं है, बल्कि यह पार्टी की रणनीतिक सफलता और जनता के बीच उसकी स्वीकार्यता का प्रतीक है। दूसरी ओर, कांग्रेस के आरोप यह संकेत देते हैं कि चुनावों के दौरान सत्तारूढ़ दलों पर सवाल उठाने की परंपरा भी जारी है। इस जीत ने पंजाब की राजनीति में नए समीकरण पैदा कर दिए हैं, जो आने वाले चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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