पंजाब में सोमवार से पंजाब रोडवेज और पेप्सू सड़क परिवहन निगम (पीआरटीसी) के संविदा कर्मचारियों ने तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के चलते राज्यभर में लगभग 2,800 सरकारी बसें सड़कों से नदारद हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्य मांगे और प्रदर्शन का कारण
हड़ताल में शामिल लगभग 8,000 संविदा कर्मचारी अपनी नौकरियों को नियमित करने और वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं।
यूनियन का रुख: पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने कहा कि राज्य के 27 बस डिपो में प्रदर्शन हो रहे हैं।
मांगें पूरी न होने पर हड़ताल: रेशम सिंह गिल ने बताया कि सरकार से लगातार संवाद के बावजूद हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, जिसके कारण हमें हड़ताल का सहारा लेना पड़ा।
सीएम आवास की ओर मार्च की तैयारी
संविदा कर्मचारियों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास तक मार्च करने की योजना बनाई है। इससे पहले, प्रदर्शनकारियों ने पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के साथ बैठक की थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया।
यात्रियों की समस्याएं बढ़ीं
बस सेवाओं के ठप होने से यात्री बस अड्डों पर फंसे हुए हैं।
यात्री निजी परिवहन का उपयोग करने पर मजबूर हैं, जिससे उनका खर्च बढ़ गया है।
कई स्थानों पर यात्री घंटों इंतजार करने के बाद निराश होकर लौटते दिखे।
सरकार से समाधान की उम्मीद
हड़ताल ने राज्य में परिवहन व्यवस्था को प्रभावित कर दिया है।
आम जनता को हो रही असुविधा को देखते हुए सरकार पर समाधान निकालने का दबाव बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह कर्मचारियों की मांगों और यात्रियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जल्द ठोस कदम उठाएगी।
प्रदर्शन का असर राज्यभर में
यह हड़ताल केवल परिवहन व्यवस्था को ही नहीं बल्कि आम जनजीवन को भी प्रभावित कर रही है। अब सभी की निगाहें सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच वार्ता पर टिकी हैं।