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देवा मूवी रिव्यू: शाहिद कपूर की ‘गुंडागर्दी’ और रोशन एंड्रयूज का औसत बॉलीवुड डेब्यू
फिल्म रिव्यू 18 3 months ago

फिल्म: देवा
निर्देशक: रोशन एंड्रयूज
अभिनीत: शाहिद कपूर, पावेल गुलाटी, प्रवेश राणा, पूजा हेगड़े
रेटिंग: 2.5/5

कहानी
‘देवा’ में शाहिद कपूर पुलिस अधिकारी के रूप में नजर आ रहे हैं, लेकिन उनका किरदार बहुत कुछ उधार लिए हुए जैसा लगता है। फिल्म की शुरुआत शाहिद के किरदार देवा के एक्सीडेंट से होती है, जिससे उसकी याददाश्त चली जाती है। फिर, वह अपनी गुमशुदा यादों को फिर से हासिल करने की कोशिश करता है। फिल्म का कांसेप्ट शुरू में तो रोमांचक लगता है, लेकिन धीमी गति से बढ़ती है और कई जगहों पर उबाऊ हो जाती है। पावेल गुलाटी का किरदार रोशन, जो फिल्म में देवा का दोस्त होता है, उसकी मौत का रहस्य सुलझाने के लिए देवा को फिर से एक्शन में आना पड़ता है। हालांकि फिल्म में कुछ अच्छे पल होते हैं, पर क्लाइमेक्स पूरी तरह से निराश करता है।

निर्देशन और लेखन
फिल्म का लेखन बेहद कमजोर है, जो फिल्म की गति को धीमा कर देता है। सुमित अरोड़ा, बॉबी, अब्बास दलाल जैसे कई लेखकों ने इसे लिखा है, और यह साफ नजर आता है कि फिल्म में बहुत अधिक विचार-विमर्श नहीं हुआ है। फिल्म के कथानक में वही पुराना अंदाज है, लेकिन उसका निष्पादन औसत से भी नीचे है। इसके बावजूद, दूसरे भाग में कुछ दमदार मोड़ आते हैं, खासकर क्लाइमेक्स के आसपास, जब कहानी स्पष्ट होने लगती है। रोशन एंड्रयूज का निर्देशन थोड़ा असमंजस में दिखता है, लेकिन फिर भी कुछ अच्छे पल फिल्म में हैं।

अभिनय
शाहिद कपूर ने अपनी भूमिका में कुछ नया नहीं किया है, लेकिन उनका अभिनय सराहनीय है। देवा के किरदार में शाहिद ने अपनी शैली में बदलाव लाने की कोशिश की है, हालांकि वह कुछ विशेष नहीं कर पाए। पावेल गुलाटी और प्रवेश राणा का अभिनय भी प्रभावी है, लेकिन पूजा हेगड़े को ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं मिल सका। कुबरा सैत निश्चित रूप से अपने छोटे से रोल में प्रभावित करती हैं।

संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर जेक्स बेजॉय द्वारा किया गया है, जो फिल्म के इमोशनल टोन को सही से समर्थन देता है। विशाल मिश्रा का संगीत भी फिल्म के मूड के अनुसार मेल खाता है।

निष्कर्ष
‘देवा’ एक फिल्म है जो अपनी क्षमता को पूरी तरह से निखार नहीं पाती। इसके बावजूद, फिल्म के कुछ हिस्से अच्छे हैं और क्लाइमेक्स में थोड़ी उम्मीद जताती है। शाहिद कपूर के फैंस के लिए यह फिल्म देखी जा सकती है, लेकिन अगर आप ज्यादा उम्मीदें लेकर बैठेंगे तो यह निराश कर सकती है। कुल मिलाकर, यह फिल्म औसत दर्जे की है और 2.5 स्टार्स की हकदार है।

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