छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सात महिला समेत 29 नक्सलियों ने बुधवार को सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, ये सभी कुतुल एरिया कमेटी के अंतर्गत कार्यरत थे। आत्मसमर्पण करने वालों में जनताना सरकार अध्यक्ष और नक्सलियों की दवाई शाखा के प्रमुख बुधराम वड़दा (39) भी शामिल हैं।
आत्मसमर्पण का कारण: विकास कार्य और सुरक्षा अभियान
नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण के पीछे जिले में तेजी से हो रहे विकास कार्य मुख्य कारण हैं। सड़कों का निर्माण, गांवों तक सुविधाओं की पहुंच और सरकारी योजनाओं का प्रभाव नक्सलियों के विचारों से मोहभंग का कारण बना।
इसके अलावा, सुरक्षाबलों द्वारा लगातार अंदरूनी इलाकों में कैंप स्थापित करने, आक्रामक अभियानों और मारे जाने के डर ने भी नक्सलियों को संगठन छोड़ने के लिए मजबूर किया। कुमार के अनुसार, यह सफलता ‘माड़ बचाओ अभियान’ के तहत मिली है।
2024 में अब तक 71 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 2024 से अब तक जिले में 71 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इस दौरान सुरक्षाबलों ने 60 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया और 50 नक्सलियों को गिरफ्तार किया।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मिलेगा पुनर्वास पैकेज
सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत पुनर्वास की सुविधा मिलेगी। इसके तहत उन्हें 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है और उन्हें सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
नक्सल उन्मूलन की दिशा में बड़ी सफलता
इस आत्मसमर्पण को छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में और भी नक्सली मुख्यधारा में लौट सकते हैं, जिससे इस क्षेत्र में शांति बहाल होने की संभावनाएं और मजबूत होंगी।