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कश्मीर में कैलिफोर्निया जैसा मंजर: माइनस टेंपरेचर में भी धधकी आग, दो गांव जलकर राख
जम्मू और कश्मीर 6 3 months ago

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में हाल ही में एक भयावह अग्निकांड ने तबाही मचाई है। बर्फ से ढके इस इलाके में, जहां तापमान माइनस 10 डिग्री तक गिर चुका है, आग लगने की घटना ने सभी को चौंका दिया है।

दो गांवों में तबाही
किश्तवाड़ के बाडवन इलाके के मार्गी और मालवन गांवों में यह आग लगी, जिससे दोनों गांव पूरी तरह से राख हो गए।

सैकड़ों लोग प्रभावित: इस हादसे में सैकड़ों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।
स्थानीय प्रयास: स्थानीय निवासियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि घरों को बचाया नहीं जा सका।
माइनस तापमान में आग का कहर
ठंड के मौसम में, जहां हर तरफ बर्फ जमी होती है, आग की लपटों ने इस घटना को और ज्यादा भयावह बना दिया।

कारण का पता नहीं: अब तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है।
पहले भी लग चुकी है आग: अक्टूबर 2024 में भी इसी इलाके में आग लगने की घटना हुई थी, जिसमें 70 से ज्यादा घर जलकर खाक हो गए थे।
प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप
पिछली आग की घटना के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रभावितों को विशेष पैकेज के रूप में घर दिए थे।

लॉस एंजिल्स की आग से तुलना
यह घटना कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स में लगी जंगली आग की विनाशलीला की याद दिलाती है।

लॉस एंजिल्स में हजारों घर जलकर खाक हो चुके हैं।
24 लोगों की मौत हो चुकी है और तेज हवाओं के कारण आग और फैलने का खतरा है।
क्या सीख सकते हैं?
आपदा प्रबंधन की कमी: किश्तवाड़ जैसी जगहों में बार-बार आग लगने की घटनाएं यह सवाल खड़ा करती हैं कि इन दूरदराज के इलाकों में आपदा प्रबंधन क्यों इतना कमजोर है।
सतर्कता और जागरूकता: स्थानीय प्रशासन को आग लगने के संभावित कारणों की पहचान कर रोकथाम के उपाय करने चाहिए।
कश्मीर जैसे सर्द इलाकों में आग लगने की यह घटना न केवल पर्यावरणीय चिंताओं को उजागर करती है, बल्कि प्रशासन और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर भी सवाल खड़े करती है।

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