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एमपी: सरकारी विवाह सम्मेलन में मुस्लिम शिक्षक बने पुरोहित, कुछ जोड़े बिना फेरे लिए लौट गए
धर्म 5 5 days ago

अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर मध्य प्रदेश के श्योपुर में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 231 जोड़ों की शादी कराई जाएगी। लेकिन इस सम्मेलन में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब ये शादी की वेदियों पर 10 मुस्लिम शिक्षकों ने पुरोहित का काम किया। इस वजह से काई जोड़े बिना फेरे के लिए ही सम्मेलन से लौट गए।

ये जोडे बाद में दूसरे सम्मेलन में जाकर सनातन रिवाजों के मुताबिक विवाह करने गए। ज़िम्मेदार अधिकारी इस बात को ग़लती मानने से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि शादी गायत्री परिवार के सदस्यों ने ही कराई, और मुस्लिम शिक्षक सिर्फ व्यवस्था के लिए बैठे थे।

शादी श्योपुर के हैवी मशीनरी टिन शेड कैंपस में हुई थी, जिसका जिम्मा नगर पालिका और जनपद पंचायत के पास था। लेकिन इसमें 10 मुस्लिम शिक्षकों की ड्यूटी भी लगी थी।

लोकेश, जो खिरनी से दूल्हा बन कर आये थे, उन्हें शादी की कुछ रस्में पूरी की, लेकिन जब उन्हें पता चला की वेदियों पर मुस्लिम शिक्षक शादी करवा रहे हैं, तो वो शादी अधूरी छोड़ कर लौट गये। उनके साथी ने बताया कि लोकेश अब खिरनी के सम्मेलन में शादी करेगा।

ज़िम्मेदार क्या कहते हैं?
जनपद पंचायत श्योपुर के सीईओ श्याम सुंदर भटनागर ने बताया कि मुस्लिम शिक्षक सिर्फ व्यवस्था के लिए बैठे थे, मंत्र उन्हें नहीं पढ़े। शादी तो गायत्री परिवार के सदस्यों ने ही कराई। उनको कहा कि उनके पास किसी जोड़े के बिना फेरे जाने की जानकारी नहीं है।

मुस्लिम शिक्षको की भूमिका
शादी करने की जिम्मेदारी गायत्री परिवार को दी गई थी। हर जोड़े के साथ एक शिक्षक को शादी की विधि समझने के लिए ड्यूटी पर लगाया गया था उनमें से 10 शिक्षक मुस्लिम निकले।

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