भोपाल – मध्य प्रदेश में अब किरायदार और मकान मालिक के बीच होने वाले विवाद पर लगाम लगाने वाली है, क्योंकि मोहन यादव सरकार एक नया किरायेदारी अधिनियम (किरायेदारी अधिनियम) लाने जा रही है। इस कानून के बाद ना तो किरायदार ज़बरदस्ती मकान पर कब्ज़ा कर सकेगा, और ना ही बिना कॉन्ट्रैक्ट के रुक पायेगा।
नया कानून क्या कहता है?
नगर और आवास विभाग ने नये किरायदारी अधिनियम का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इस्के मुताबिक, अगर किसी मकान के लिए 11 महीने का कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ है, तो किरायदार को 11 महीने पूरे होने पर ही मकान खाली करना होगा। अगर वह नहीं करता, तो मकान मालिक सरकारी शिकायत कर सकता है और प्रशासन जबरदस्ती मकान खाली करा देगा।
दोबारा अनुबंध की अनुमति
अगर दोनों तरफ से आपसी समझ हो जाए, तो कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करके किरायेदार फिर से रह सकता है – लेकिन हर बार लिखित समझौता जरूरी होगा।
कानून दोनो तरफ के लिए होगा मेला
नये कानून में सिर्फ मकान मालिक को ही नहीं, किरायेदार के अधिकारों का भी ध्यान रखा गया है। मकान मालिक को बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं देना जरूरी होगा और वह कोई झूठा वादा नहीं कर सकता। जो शर्तें अनुबंध में लिखी होंगी, उन्हें दोनों तरफ से पूरा करना होगा।
कब आएगा ये कानून?
ये किरायदारी अधिनियम मानसून सत्र में विधानसभा में पेश किया जा सकता है। सरकार को उम्मीद है कि इस मकान मालिक-किरायेदार के झगड़े में काफी कमी आएगी।