एमपी: ग्वालियर हाई कोर्ट में अंबेडकर की मूर्ति का विवाद बन गया जातिगत तनाव का सबब – जानें पूरा मामला!
मध्य प्रदेश के ग्वालियर हाई कोर्ट में डॉ. बीआर अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब जातिगत तनाव में बदल गया है। कोर्ट कैंपस में मूर्ति लगाने को लेकर वकील के दो ग्रुप में तनाव बना हुआ है। इस बीच भीम आर्मी भी मैदान में उतर आई है।
दो दिन पहले, हाईकोर्ट के बाहर भीम आर्मी के समर्थक और कुछ वकीलों के बीच जोर का झगड़ा हो गया। बात बढ़ने पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
क्या है विवाद?
पहला विवाद गुरुवार को शुरू हुआ जब डॉ. अंबेडकर की मूर्ति हाई कोर्ट कैंपस में लगाने के लिए लाया गया। तभी से दोनों तरफ के वकील इस मुद्दे को लेकर भिड़ गए हैं। एक तरफ का कहना है कि मूर्ति लगाने में नियम का पालन नहीं किया गया, जबकी दूसरी तरफ का कहना है कि ये सीधा अंबेडकर जी की मूर्ति का विरोध है।
क्या बोल रहे हैं वकील?
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने कहा कि किसी को मूर्ति लगाने से समस्या नहीं है, लेकिन सब कुछ नियमों के तहत होना चाहिए। इसलिए बार एसोसिएशन इसका विरोध कर रहा है।
वहीं दूसरे पक्ष के वकील विश्वजीत रतोंदिया ने कहा कि ये साफ तौर पर अंबेडकर जी की मूर्ति के खिलाफ है। वकीलों ने अपने पैसे से मूर्ति लगवाने के लिए फंड इकठ्ठा किया है। जब चीफ जस्टिस ने दोनों पक्षों को जबलपुर बुलाया, तब एक पक्ष नहीं आया।
नेतागिरी भी शामिल
कांग्रेस के दलित नेता और विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि हाई कोर्ट में अंबेडकर की मूर्ति लगना गर्व की बात है। देश के हर न्यायालय में बाबा साहब की मूर्ति होनी चाहिए। कुछ वरिष्ठ वकील इस मुद्दे को लेकर गली-गलौच और दलित आंदोलन जैसा दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी घमासान
सोशल मीडिया पर डोनो तरफ से भड़काऊ पोस्ट और धमाकेदार भरे वीडियो आ रहे हैं। ग्वालियर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 6 सोशल मीडिया हैंडल चलाने वालों को नोटिस भेजा और जवाब मंगवाया है। पुलिस और जिला प्रशासन अब अलर्ट मोड पर है और लोगों से अपील की गई है कि ऐसे नफ़रत फेलाने वालों का विरोध करें।