अपना राज्य चुनें
ई-कॉमर्स साइट से 3.25 लाख का ड्रोन 3.25 रुपये में खरीदा, फिर 1.25 लाख में बेचा – ठग गिरोह का
गुजरात 6 3 months ago

गुजरात पुलिस ने अहमदाबाद में एक बड़े साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो ई-कॉमर्स वेबसाइटों के पेमेंट गेटवे में छेड़छाड़ कर महंगे प्रोडक्ट बेहद सस्ते में खरीदकर बेचता था। इस गिरोह ने सिर्फ 3.25 रुपये में 3.25 लाख का ड्रोन खरीदकर उसे 1.25 लाख रुपये में बेच दिया। पुलिस जांच में सामने आया है कि इस गैंग ने दो साल में सात करोड़ रुपये के सामान की ठगी की है।

कैसे करते थे ठगी?
आरोपी ई-कॉमर्स साइट पर महंगे प्रोडक्ट ऑर्डर करते थे।
पेमेंट प्रोसेसिंग के दौरान डीबगिंग सॉफ्टवेयर से गेटवे में छेड़छाड़ कर देते थे, जिससे कीमत के पीछे के डिजिट गायब हो जाते थे।
अगर किसी चीज की कीमत 1,00,000 रुपये थी, तो छेड़छाड़ के बाद वे सिर्फ 1 रुपये ही चुकाते थे।
यह सामान बिल और पैकिंग के साथ ज्यादा कीमत पर बेचकर लाखों की कमाई करते थे।

पुलिस ने ऐसे पकड़ा गिरोह
पुलिस को सूचना मिली थी कि अहमदाबाद के रिलीफ रोड पर एक ऑफिस में सट्टा खेला जा रहा है। जब क्राइम ब्रांच की टीम वहां छापेमारी करने पहुंची, तो सट्टेबाजी के साथ-साथ ई-कॉमर्स फ्रॉड का भी पर्दाफाश हो गया।

मौके से विजय वाघेला और नितेश उर्फ छोटू को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में सामने आया कि आदिल नाम का व्यक्ति भी इस साइबर ठगी में शामिल है।
ये तीनों मिलकर ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से महंगे प्रोडक्ट ठगी के जरिए खरीदते और फिर ऊंचे दामों में बेचते थे।
गिरोह का पूरा नेटवर्क
विजय वाघेला – डीबगिंग सॉफ्टवेयर से पेमेंट गेटवे में बग खोजता और उसे हैक करता।
नितेश उर्फ छोटू – ठगे गए प्रोडक्ट्स को बेचकर कैश कमाता।
आदिल – ऑनलाइन सट्टा वेबसाइटों पर जुआ खेलकर पैसे लगाता।
126 पार्सल और 7 करोड़ रुपये की ठगी

पिछले दो साल में इस गैंग ने 126 महंगे पार्सल मंगवाए।
हर बार फर्जी एड्रेस और बोगस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया जाता था।
ठगी किए गए प्रोडक्ट को सड़क पर ही डिलीवरी बॉय से रिसीव कर लिया जाता था।
गिरोह के पकड़े जाने के बाद भी 6 लाख रुपये के पार्सल डिलीवर हुए थे, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया।
अब बैंक कर्मचारियों की भूमिका की भी होगी जांच
पुलिस को शक है कि इस ठगी में बैंक या पेमेंट गेटवे के कुछ कर्मचारियों की भी मिलीभगत हो सकती है। फिलहाल, पूरे मामले की गहन जांच चल रही है।

➡ साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स को अपने सुरक्षा सिस्टम को मजबूत करना होगा, ताकि इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।

अन्य खबरें खबरें और भी हैं...