केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “…आपका (विपक्ष) आग्रह था कि संयुक्त संसदीय समिति बनाई जाए। हमारे पास कांग्रेस जैसी समिति नहीं है। हमारे पास लोकतांत्रिक समिति है, जो विचार-विमर्श करती है। ‘कांग्रेस के जमाने में समिति होती थी जो थप्पा लगाती थी’। हमारी समिति चर्चा करती है, चर्चा के आधार पर विचार-विमर्श करती है और बदलाव करती है। अगर बदलाव स्वीकार नहीं किए जाने हैं, तो समिति का क्या मतलब है?”