पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मालदा में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चाय की दुकानों पर सरकारी नौकरी से ज्यादा कमाई होती है। उनके इस बयान ने सरकारी नौकरियों की तुलना में निजी और छोटे व्यवसायों की संभावनाओं की ओर इशारा किया।
राज्य सरकार की योजनाओं का जिक्र
ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार से आवास योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता नहीं मिलने के बावजूद राज्य सरकार का काम रुका नहीं है। उन्होंने बताया कि 100 दिनों के रोजगार योजना का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा नहीं किया गया, जिसके चलते राज्य सरकार ने “कर्मश्री योजना” शुरू की है। इस योजना में 50 दिनों के काम की गारंटी दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने “लक्ष्मी भंडार योजना” को बढ़ाने की बात कही और कहा कि लड़कियों की शिक्षा और उनके उत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। SC, ST और सामान्य वर्गों के लिए भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
आरजी कर मामले पर ममता की प्रतिक्रिया
आरजी कर मामले में दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद ममता ने इसे दुर्लभतम मामला बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में दोषी को अधिकतम सजा दिलाने के लिए कोलकाता उच्च न्यायालय का रुख कर चुकी है।
ममता बनर्जी ने यह भी बताया कि उनकी सरकार “अपराजिता बिल” लेकर आई है, जो मृत्युदंड का प्रावधान करता है। यह बिल केंद्र सरकार के पास लंबित है, और ममता चाहती हैं कि इसे पास किया जाए ताकि यह देश के लिए एक रोल मॉडल बन सके।
बांग्लादेश को लेकर ममता की टिप्पणी
बांग्लादेश में चल रही अशांति का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि उम्मीद है आने वाले दिनों में भारत-बांग्लादेश के संबंध बेहतर होंगे। उन्होंने सीमा पर होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए बीएसएफ को जिम्मेदार ठहराया।
मुख्यमंत्री का संदेश
ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर राज्य सरकार की योजनाओं और केंद्र सरकार के साथ तालमेल की कमी पर जोर दिया। उनका चाय की दुकान वाली टिप्पणी ने युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने का संदेश दिया है, जो पश्चिम बंगाल में छोटे व्यवसायों के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण पेश करता है।