अपना राज्य चुनें
बेल्जियम के खिलाड़ी अलेक्जेंडर हेंड्रिक्स और आर्थर वान डोरेन की नजरें हॉकी इंडिया लीग पर
हॉकी 7 4 months ago

बेल्जियम की गोल्डन जनरेशन का हिस्सा, अलेक्जेंडर हेंड्रिक्स और आर्थर वान डोरेन मानते हैं कि उनकी टीम संक्रमण के दौर से गुजर रही है। पेरिस ओलंपिक में जगह न बना पाने का ग़म अभी भी उनके दिल में है, और उन्हें विश्वास है कि हॉकी इंडिया लीग (HIL) आगामी पीढ़ी को भारत की सफलता की कहानी को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

अलेक्जेंडर हेंड्रिक्स और आर्थर वान डोरेन ने राष्ट्रीय युवा टीम में एक साथ खेलना शुरू किया था, और फिर वे बेल्जियम की सीनियर टीम में भी एक साथ आए। दोनों ने एक दशक से अधिक समय तक एक-दूसरे के साथ खेला है। यह कोई हैरानी की बात नहीं है कि दोनों एक-दूसरे की बातों को उस सहजता से पूरा करते हैं, जैसे वे मैदान पर एक-दूसरे के साथ गेंद का आदान-प्रदान करते हैं और बेल्जियम के डिफेंस को मजबूती प्रदान करते हैं।

उनके बीच की समझ और आरामदायक तालमेल ने बेल्जियम को कई वर्षों तक हॉकी की दुनिया में दबदबा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब, हॉकी इंडिया लीग (HIL) में वे वेदांता कालिंगा लांसरस के लिए टीम के साथी हैं, और दोनों का उद्देश्य लीग का खिताब जीतने के साथ अपनी पहले से भरी हुई ट्रॉफी कैबिनेट में एक और सम्मान जोड़ना है।

बेल्जियम की गोल्डन जनरेशन और आगामी चुनौतियां
आर्थर वान डोरेन और अलेक्जेंडर हेंड्रिक्स बेल्जियम की हॉकी टीम की गोल्डन जनरेशन का अहम हिस्सा रहे हैं। इस जोड़ी ने यूरोपीय चैंपियनशिप, विश्व कप, और कई अन्य प्रमुख टूर्नामेंटों में अपने देश को ऐतिहासिक जीत दिलाई है। लेकिन, जैसे-जैसे टीम में बदलाव आ रहा है और नए खिलाड़ी अपनी जगह बना रहे हैं, दोनों खिलाड़ी मानते हैं कि टीम को नए चेहरों के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। हालांकि, वे इस बदलाव के बावजूद टीम के भविष्य को लेकर आशावादी हैं।

“हमारी टीम में कई बदलाव हो रहे हैं, और यह स्वाभाविक है। हालांकि, हम अभी भी पेरिस ओलंपिक की नाकामी को महसूस करते हैं, क्योंकि यह हमारे लिए बहुत बड़ा मौका था,” हेंड्रिक्स ने कहा। “लेकिन हम जानते हैं कि भारत के साथ हॉकी इंडिया लीग में खेलना हमारी आगामी पीढ़ी के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। यह लीग उन युवा खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन मंच है, जहां वे दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों से सीख सकते हैं।”

हॉकी इंडिया लीग: भारत की सफलता की कहानी का अगला अध्याय
बेल्जियम की हॉकी टीम को वैश्विक मंच पर काफी सफलता मिली है, लेकिन भारत भी अब हॉकी के सबसे बड़े पावरहाउस में से एक बन चुका है। हॉकी इंडिया लीग (HIL) में शामिल होकर बेल्जियम के ये दोनों खिलाड़ी भारत की हॉकी की बढ़ती ताकत को देख रहे हैं और इस लीग को आगामी पीढ़ी के लिए एक बेहतरीन अवसर मानते हैं।

आर्थर वान डोरेन ने कहा, “भारत ने पिछले कुछ सालों में हॉकी में जबरदस्त प्रगति की है। यहां के खिलाड़ी बहुत मेहनती हैं और उनकी तकनीकी क्षमता पर हम हमेशा से प्रभावित रहे हैं। हॉकी इंडिया लीग युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करती है, जहां वे अपनी क्षमताओं को निखार सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।”

आगे की राह: हॉकी इंडिया लीग में बेल्जियम के खिलाड़ियों का योगदान
हॉकी इंडिया लीग में, बेल्जियम के इन स्टार खिलाड़ियों की मौजूदगी भारतीय हॉकी के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकती है। उनके अनुभव और कौशल से भारतीय खिलाड़ी भी बहुत कुछ सीख सकते हैं। हेंड्रिक्स और वान डोरेन का मानना ​​है कि लीग में खेलते हुए वे भारतीय हॉकी के भविष्य को संवारने में अपना योगदान देने के लिए तैयार हैं।

वे कहते हैं, “भारत की हॉकी ने हमें हमेशा प्रेरित किया है। अब हमें खुशी है कि हम भारतीय लीग का हिस्सा हैं और यहां अपनी खेल क्षमता को और बेहतर बनाने का मौका पा रहे हैं। हमारी मौजूदगी से लीग को और भी मजबूती मिलेगी और हम सभी मिलकर इसे एक नए मुकाम पर ले जा सकते हैं।”

नए साल में नई उम्मीदें:
2024 में अपने नए अभियान के साथ, हेंड्रिक्स और वान डोरेन भारतीय दर्शकों के दिलों में जगह बनाने की पूरी कोशिश करेंगे। वे जानते हैं कि यह लीग केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय खिलाड़ियों और हॉकी के भविष्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

आखिरकार, हेंड्रिक्स और वान डोरेन की उम्मीदें और उनका अनुभव हॉकी इंडिया लीग में टीम की जीत की उम्मीदों को बढ़ा सकते हैं।

अन्य खबरें खबरें और भी हैं...