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जनसांख्यिकीय बदलाव और अवैध प्रवासियों पर उपराष्ट्रपति की चिंता
रायपुर 8 3 months ago

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जनसांख्यिकीय बदलाव, धर्मांतरण, घुसपैठ, और अवैध प्रवासियों के मुद्दों पर अपनी गंभीर चिंताओं को साझा किया। उन्होंने इन समस्याओं को राष्ट्र की स्थिरता और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया और उनके समाधान के लिए एकजुट प्रयासों का आह्वान किया।

जनसांख्यिकी में बदलाव का मुद्दा
उपराष्ट्रपति ने “नैसर्गिक जनसांख्यिकी” के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इसे प्रलोभन और असामाजिक गतिविधियों के माध्यम से बदलने के प्रयास खतरनाक हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नैसर्गिक विकास समाज में सामंजस्य और शांति बनाए रखता है, लेकिन अगर इसे अस्थिर करने के लिए बाहरी प्रभावों से बदलने की कोशिश की जाती है, तो यह राष्ट्रवाद के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

उपराष्ट्रपति का कहना था,

“हर व्यक्ति को अपने निर्णय लेने का अधिकार है, लेकिन अगर वह निर्णय प्रलोभन से प्रेरित है और जनसांख्यिकी को अस्थिर करने की मंशा से लिया गया है, तो यह चिंता का विषय है। हमें इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।”

घुसपैठ और अवैध प्रवासियों की समस्या
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अवैध प्रवासन को राष्ट्र की स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती बताते हुए इस पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासी न केवल देश के संसाधनों पर भारी दबाव डालते हैं, बल्कि रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों को भी प्रभावित करते हैं।

उनके अनुसार,

“लाखों अवैध प्रवासी हमारे चुनावी तंत्र को अस्थिर करने की क्षमता रखते हैं। ये लोग राजनीतिक लाभ के लिए आसानी से समर्थक बन जाते हैं, जो राष्ट्र की स्थिरता के लिए हानिकारक है। हमें हमेशा राष्ट्र को प्राथमिकता देनी चाहिए।”

धनखड़ ने यह भी कहा कि यह समस्या अप्रबंधनीय आयाम तक पहुंच चुकी है और इसे हल करने के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता है।

अवैध प्रवासियों के प्रभाव
उपराष्ट्रपति ने अवैध प्रवासियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था और संसाधनों पर पड़ने वाले दबाव का उल्लेख करते हुए कहा,

“अवैध प्रवासी न केवल आर्थिक क्षेत्र में बाधा उत्पन्न करते हैं, बल्कि वे स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह समस्या जितनी लंबी चलेगी, उतनी ही जटिल होती जाएगी।”

एकजुटता की अपील
कार्यक्रम के दौरान, उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय एकता पर जोर देते हुए कहा कि जनसांख्यिकीय बदलाव और अवैध प्रवासन जैसी समस्याओं का समाधान केवल सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। उन्होंने छात्रों और शिक्षाविदों से इन मुद्दों पर जागरूकता फैलाने और समाधान के लिए अपनी भूमिका निभाने की अपील की।

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