भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में दूसरी बार 0.25% की कटौती करने का फैसला किया है। ये फैसला 7 से 9 अप्रैल तक चली एमपीसी की बैठक के बाद बुधवार सुबह घोषणा की गई। इस घर और कार लोन लेने वालों की ईएमआई में अब कमी आएगी।
फरवरी 2025 में भी आरबीआई ने 0.25% की कटौती की थी, जिसके बाद रेपो रेट 6.50% से बढ़कर 6.25% हो गया था। और अब एक बार फिर 0.25% की कटौती के बाद रेपो रेट 6.00% हो गया है। 2023 के जून में आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाकर 6.50% किया था, तो लगभाग 5 साल बाद ये राहत मिली है।
जमा दरों में बदलाव मुश्किल
बैंक डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दर में अभी किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। मतलब लोन लेने वालों को तो फायदा होगा, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट करने वालों के लिए कोई खास फायदा नहीं दिख रहा है।
आरबीआई का मुद्रास्फीति लक्ष्य और फोकस
आरबीआई का मुद्रास्फीति नियंत्रण लक्ष्य 2% से 6% के बीच होता है, और भारत अभी इस बंद के अंदर ही है। इसका मतलब यह है कि अब आरबीआई का मुख्य फोकस विकास को बढ़ावा देना है, छोटे व्यवसायों, स्टार्टअप्स और आम जनता के लिए एक अच्छी खबर है।
रेपो रेट होता क्या है?
रेपो रेट वो रेट होता है जिसमें आरबीआई बैंकों को पैसा देता है। जब आरबीआई ये रेट कम करता है, तो बैंक भी अपने ग्राहकों को लोन सस्ते रेट पर देने लगते हैं। इस बाजार में तरलता बढ़ती है, और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।